जीएफसीसी के मुख्य कार्य, जैसा कि मूल रूप से परिकल्पित किया गया है, निम्नानुसार हैं-

  • गंगा बेसिन में बाढ़ प्रबंधन के लिए व्यापक योजना तैयार करना।
  • संबंधित राज्यों द्वारा बेसिन-वार बाढ़ प्रबंधन योजनाओं में शामिल कार्यों के कार्यान्वयन का एक चरणबद्ध और समन्वित कार्यक्रम तैयार करना।
  • कार्यों और उनके नियमित रखरखाव के लिए उचित मानकों को तैयार करना और सुनिश्चित करना।

समय के साथ जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जीएफसीसी को कुछ अतिरिक्त कार्य सौंपे गए थे और आज इसके व्यापक कार्य इस प्रकार हैं-

  • गंगा बेसिन में 23 नदी प्रणालियों को शामिल करते हुए बाढ़ प्रबंधन की एक व्यापक योजना तैयार करना और अद्यतन करना।
  • इस प्रयोजनार्थ फील्ड जांच और आंकड़ों का संग्रहण गंगा बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के निदेशानुसार संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।
  • बेसिन-वार योजनाओं में शामिल कार्यों के कार्यान्वयन का एक चरणबद्ध और समन्वित कार्यक्रम तैयार करना।
  • संबंधित राज्यों को गुणवत्ता नियंत्रण, सामग्री विनिर्देशों और रखरखाव के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह देना ताकि कार्यों के कार्यान्वयन और उचित मानकों के अनुरूप उनके रखरखाव को सुनिश्चित किया जा सके।
  • जहां कहीं भी बोर्ड के विचारार्थ अपेक्षित हो, कार्यों का वाषक कार्यक्रम तैयार करना और लागत का आबंटन करना।
  • सड़क और रेल पुलों के नीचे मौजूदा जलमार्गों का आकलन करना और जल निकासी की भीड़ को उचित सीमा तक कम करने और उनके आवधिक अपडेशन को कम करने के लिए प्रदान किए जाने वाले अतिरिक्त जलमार्गों का निर्धारण करना।
  • महत्वपूर्ण बाढ़ प्रबंधन योजनाओं के निष्पादन की निगरानी करना, विशेषरूप से केंद्रीय सहायता प्राप्त करने वाली या केन्द्रीय क्षेत्र के अंतर्गत निष्पादित की जा रही योजनाओं की निगरानी करना।
  • ताजेवाला से ओखला बैराज तक की पहुंच में यमुना नदी पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों की स्कीमों को छोड़कर गंगा बेसिन राज्यों के सभी वृहद और मध्यम बाढ़ प्रबंधन, जल निकासी, जल-जमाव रोधी और कटाव-रोधी स्कीमों की जांच करना।
  • बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम, आरएमबीए के अंतर्गत केन्द्रीय वित्तपोषण के लिए गंगा बेसिन राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों का प्रसंस्करण और ऐसी स्कीमों की मानीटरिंग।
  • बेसिन राज्यों द्वारा उचित उपयोग के लिए वैज्ञानिक संगठनों के साथ भागीदारी में किए गए विशेष अध्ययनों या जांचों से निकलने वाले निष्कर्षों का प्रलेखन और प्रसार।
  • सभी अंतर-राज्यीय बाढ़ प्रबंधन स्कीमों सहित राज्यों द्वारा निष्पादित प्रमुख बाढ़ प्रबंधन उपायों के निष्पादन का मूल्यांकन करना।
  • बाढ़ प्रबंधन के विषय से संबंधित भारत सरकार और गंगा बेसिन राज्यों द्वारा गठित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समितियों में भाग लेना।

गंगा बेसिन में बाढ़ प्रबंधन के लिए व्यापक मास्टर प्लान तैयार करने और आवधिक अपडेशन में लगे रहने के अलावा जीएफसीसी गंगा बेसिन में बाढ़ प्रबंधन और कटाव रोधी योजनाओं का तकनीकी-आथक मूल्यांकन करने के लिए भी जिम्मेदार है। इसे नेपाल और बांग्लादेश के साथ बाढ़ प्रबंधन से संबंधित कई गतिविधियों के समन्वय का भी कार्य दिया गया है।

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पृष्ठ अंतिम अद्यतन तिथि : 20-07-2022 12:44 pm